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Friday, 6 October 2017

काजुओ इशीगुरो साहित्य के नोबल पुरस्कार

काजुओ इशीगुरो साहित्य के नोबल पुरस्कार

Kazuo Ishiguro just won the 2017 Nobel Prize in Literature

नोबल पुरस्कार समिति द्वारा 05 अक्टूबर 2017 को साहित्य के नोबल पुरस्कार की घोषणा की गयी. समिति द्वारा जापानी मूल के ब्रिटिश लेखक काजुओ इशीगुरो को साहित्य के नोबल पुरस्कार के लिए चयनित किया. उन्हें पुरस्कार स्वरुप 11 लाख डॉलर के अतिरिक्त प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा.

काजुओ इशीगुरो को उनके उपन्यास 'रीमेंस ऑफ द डे' के लिए यह पुरस्कार दिया गया. वे इस उपन्यास के लिए 1989 में मैन बुकर प्राइज भी जीत चुके हैं. उनके इस उपन्यास पर हॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है तथा इसे ऑस्कर के लिए नामांकित भी किया जा चुका है.

नोबल पुरस्कार की स्वीडिश एकेडमी की स्थायी सचिव सारा डेनियस ने कहा कि इशीगुरो ब्रिटिश उपन्यासकार जेन ऑस्टिन और जर्मन भाषा के लघु कथाकार फ्रैंज काफ्का का मिश्रण हैं. इन दोनों की सृजनात्मक क्षमता और समझ को मिलाने पर इशीगुरो का चेहरा सामने आता है.

काजुओ इशीगुरो के बारे में जानकारी
•    इशीगुरो पांच वर्ष की आयु में अपने माता-पिता के साथ नागासाकी से ब्रिटेन आ गये थे.

•    उनका पहला उपन्यास ‘अ पेल व्यू ऑफ दि हिल्स’ (1982) है जबकि दूसरे उपन्यास का नाम ‘ऐन आर्टिस्ट ऑफ दि फ्लोटिंग वर्ल्ड’ (1986) है.

•    यह दोनों उपन्यास द्वितीय विश्वयुद्ध के कुछ सालों के बाद के नागासाकी की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं.

•    वर्ष 2005 में उनकी लिखित पुस्तक ‘नेवर लेट मी गो’  में उन्होंने साइंस फिक्शन के ‘धीमे अंतर्प्रभाव’ को दर्शाया है.

•    वर्ष 2015 में आए उनके नवीनतम उपन्यास ‘द बरिड जाइंट’ में गतिशील तरीके से दिखाया गया है कि स्मृति का विस्मृति, इतिहास का वर्तमान और फैंटेसी का वास्तविकता से क्या संबंध है.

•    वर्ष 2016 में साहित्य का नोबल पुरस्कार गायक और गीतकार बॉब डिलन को दिया गया था.  

•    वर्ष 1901 से अब तक साहित्य श्रेणी में 110 नोबल पुरस्कार दिए जा चुके हैं.

•    अब तक 14 महिला लेखकों को साहित्य का नोबल पुरस्कार दिया जा चुका है.

•    अब तक साहित्य के नोबल पुरस्कार को चार बार दो लोगों के बीच साझा किया गया.

•    रुडयार्ड किपलिंग 41 वर्ष की उम्र में नोबल पुरस्कार जीतने वाले सबसे युवा लेखक थे.
•    इसी प्रकार डोरिस लेसिंग 88 वर्ष की उम्र में पुरस्कार जीतने वाली सबसे उम्रदराज विजेता रहे हैं.

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