पूजा कादियान ने वुशु विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा - eChhattisgarh.in | Chhattisgarh History,Tourism, Educations, General Knowledge

Breaking

Wednesday, 4 October 2017

पूजा कादियान ने वुशु विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा

पूजा कादियान ने वुशु विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा

Pooja Kadian bags India's 1st ever gold at Wushu

भारत की महिला खिलाड़ी ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया है. भारतीय वुशु खिलाड़ी पूजा कादियान ने कजान (रूस) में आयोजित वुशु विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया. पूजा कादियान वुशु विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं.

हरियाणा की रहने वाली पूजा कादियान द्वारा जीता गया स्वर्ण पदक वुशु विश्व चैंपियनशिप में जीता गया भारत का यह अब तक का पहला स्वर्ण पदक है.

पूजा कादियान महिलाओं के 75 किलो वर्ग में पहले स्थान पर रहीं. उन्होंने फाइनल मुकाबले में रूस की एवगेनिया स्टेपानोवा को हराया. पूजा कादियान ने इससे पहले सेमीफाइनल में मिस्र की हेबा अब्देलकेदार को 2-0 से हराकर अंतिम मुकाबले में प्रवेश किया था. इससे पहले कोई भी भारतीय वुशू वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक नहीं जीत सकता है. गौरतलब है कि रोहतक की निवासी पूजा कादियान सीआरपीएफ दिल्ली में कार्यरत हैं.
वुशु चैंपियनशिप में अन्य पदक वुशु विश्व चैंपियनशिप के इस संस्करण में भारत ने कुल पांच पदक जीते. इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों में राजिंदर सिंह, भानू प्रताप सिंह रमेशचंद्र सिंह मोइरगात्थम और अरुणपमा देवी कीशम ने अपने-अपने वर्ग में कांस्य पदक अर्जित किया. इस चैंपियनशिप में 15 पदक जीतकर चीन शीर्ष पर चल रहा है जबकि ईरान आठ पदकों के साथ दूसरे स्थान पर कायम है.

वुशु के बारे में

वुशु एक मार्शल आर्ट है इसे जुडो, कराटे और ताइक्वांडो की तरह खेला जाता है. वुशु को दो भागों में खेला जाता है. पहले भाग को सांसु कहते हैं जबकि दूसरे को ताऊलू कहा जाता है. पहले भाग में खिलाड़ी एक- दूसरे पर अटैक करते हैं. इसमें हाथ से पंच और पांव से किक मारकर अधिक से अधिक अंक अर्जित किये जाते हैं. वुशू के दूसरे भाग ताऊलू में इसे प्रदर्शन के आधार पर खेला जाता है.

No comments:

Post a Comment