रुद्र शिव, तालागांव - बिलासपुर जिले के पर्यटन, पुरातात्विक स्थल
तालागांव, यह स्थान बिलासपुर जिले स्थित है। बिलासपुर से २८ किमी दूर मनियारी नदी के किनारे स्थित है।
रूद्र शिव की विलक्षण प्रतिमा - तालागांव में पुरातात्विक उत्खनन से 6वीं शताब्दी ई. में लगभग 5 टन वजनी शिव की विशिष्ट मूर्ति मिली है। यह मूर्ति पशुपति शिव का प्रतीक है। नरमूण्ड धारण किए हुए पशुओं का चित्रण युक्त यह मूर्ति विशेषता लिए हुए हैं।
रूद्र शिव : विश्व की अद्भुत प्रतिमा तालागांव देवरानी मंदिर के द्वार पर उत्खनन के दौरान शिव के रौद्र रूप की अनुपम कृति युक्त एक प्रतिमा टीले में दबी हुई प्राप्त हुई है जिसका नामकरण एवं अभिज्ञान आज तक नहीं हो सका है।
इसे सन 1987 में निकाला गया था। इस प्रतिमा को वास्तु इतिहास की अनहोनी कहा जा सकता है. इस प्रतिमा का विवरण इस प्रकार है प्रतिमा के 11 अंग विभिन्न प्राणियों से निर्मित किये गए हैं यह 7 फुट ऊँची, 4 फूट चौडी तथा 6 टन वजन की लाल बलुए पत्थर की बनी है इस प्रतिमा को अभी तक रूद्र शिव, महारुद्र, पशुपति, अघोरेश्वर, महायज्ञ बिरूवेश्वर, यक्ष आदि नाम दिये जा चुके है इस अद्भुत प्रतिमा के शिरोभाग पर नाग युग्मों का पगड़ीनुमा केश विन्यास है। नाक तथा भौंह छिपकली द्वारा, नेत्र विस्फारित भेक मुख तथा नेत्र गोलक अंडे से बने हुवे है। मुछे - मत्स्य, ठुड्डी -केकड़ा, कर्ण-मयूर एवं कंधे मकर से बनाए गये हैं।
पांचवी छठवी सदी की यह कलाकृति शरभपूरी शासको के काल की अनुमानित है क्योकिं यहाँ छठी सदी के शरभपूरी शासक प्रसन्नमात्र का उभारदार रजित सिक्का भी मिला है। साथ ही कलचुरी रत्नदेव प्रथम व प्रतापमल्ल की एक रजत मुद्रा भी प्राप्त है, मूल प्रतिमा देवरानी मंदिर तालाग्राम परिसर. में सुरक्षित है
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